06/07/2021

*|| भगवद् गीता विचार ||* यद्यपि लोभ से भ्रष्टचित्त हुए ये लोग कुल के नाश से उत्पन्न दोष को और मित्रों से विरोध करने में पाप को नहीं देखते। *अध्याय- 1 श्लोक- 38* Download Bhagavad Gita App: https://ift.tt/3AJ4baa

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