12/05/2021

*|| भगवद् गीता विचार ||* क्योंकि समबुद्धि से युक्त ज्ञानीजन कर्मों से उत्पन्न होने वाले फल को त्यागकर जन्मरूप बंधन से मुक्त हो निर्विकार परम पद को प्राप्त हो जाते हैं। *अध्याय- 2 श्लोक- 51* Download Bhagavad Gita App https://ift.tt/2RcRgLE

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