*|| भगवद् गीता विचार ||* इसलिए साधक को चाहिए कि वह उन सम्पूर्ण इन्द्रियों को वश में करके समाहित चित्त हुआ मेरे परायण होकर ध्यान में बैठे क्योंकि जिस पुरुष की इन्द्रियाँ वश में होती हैं, उसी की बुद्धि स्थिर हो जाती है। *अध्याय- 2 श्लोक- 61* Download Bhagavad Gita App: h https://ift.tt/3vPSBXH
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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