*|| भगवद् गीता विचार ||* क्योंकि जैसे जल में चलने वाली नाव को वायु हर लेती है, वैसे ही विषयों में विचरती हुई इन्द्रियों में से मन जिस इन्द्रिय के साथ रहता है, वह एक ही इन्द्रिय इस अयुक्त पुरुष की बुद्धि को हर लेती है। *अध्याय- 2 श्लोक- 67* Download Bhagavad Gita App: https://ift.tt/3wbDSq9
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