*|| भगवद् गीता विचार ||* सब ओर से परिपूर्ण जलाशय के प्राप्त हो जाने पर छोटे जलाशय में मनुष्य का जितना प्रयोजन रहता है, ब्रह्म को तत्व से जानने वाले ब्राह्मण का समस्त वेदों में उतना ही प्रयोजन रह जाता है। *अध्याय- 2 श्लोक- 46* Download Bhagavad Gita App https://ift.tt/3h7ZuiG
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